हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,आयतुल्लाह खुशवक्त रह.ने रमज़ान के पवित्र महीने के संदेशों में तक़्वा और गुनाह छोड़ने के महत्व पर ज़ोर दिया है।
उन्होंने कहा,इतने बड़े महीने, इबादत के महीने, तौबा के महीने, कुरान की तिलावत के महीने में सभी अच्छे कामों के बीच सबसे बेहतरीन अमल हराम और गुनाह को छोड़ना है।
यानी इस काम का इतना महत्व है कि आप कोशिश करें कि इस रियाज़त (अभ्यास) को सहन करें और इस महीने में गुनाह न करें दूसरा काम भी न करें।
हालांकि यह एक फ़र्ज़ है, इंसान नहीं कर सकता कि दूसरा काम न करे, लेकिन यह एक फ़र्ज़ है। तक़्वा का इतना महत्व है कि अगर आपने तक़्वा को बरकरार रखा और सिर्फ़ सोए रहे, तो भी आपकी जगह जन्नत के दरवाज़े पर है यह इतना महत्वपूर्ण है।
पैग़म्बर-ए-अकरम स.अ.व.व. ने फ़रमाया, इस महीने में सबसे अफ़ज़ल अमल गुनाह और हराम काम को छोड़ना है।
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